Friday 15 August 2014

संकल्प

संकल्प
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नव प्रभात की बेला में
यह संकल्प संचार करो
मानव धर्म रहे जग में
न रहे रंग, जाति का भेद
एक भाव एक दृष्टि
समरस हो जाये श्रष्टि
ऐसे युग का निर्माण करो
नव प्रभात की बेला में
यह संकल्प संचार करो
मलय पवन सी शीतलता ले
मन में करें अतीत का मंथन
आधार बने जीवन का
शाश्वत मूल्यों का चिंतन
लिखो नया इतिहास
सुखी हो जाये जन जन
राष्ट्र समर्पित भक्तों का
जन समूह तैयार करो
नव प्रभात की बेला में
यह संकल्प संचार करो
जो बीत गया उसे भूल कर
खट्टे मीठे अनुभवों के
झूले में झूल कर
दृढ प्रतिज्ञ बन
तोड़ सारे बंधन ऊँचे उठो
छू लो आकाश की बुलंदियां
स्वर्ग को उतार कर
धरती माँ का श्रृंगार करो
नव प्रभात की बेला में
यह संकल्प संचार करो
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

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