Tuesday 5 November 2013

परिवर्तन कलम से : पिकहा बाबा उवाच ------ मदद- इसकी आदत डालें//कुशवा...

परिवर्तन कलम से : पिकहा बाबा उवाच ------ मदद- इसकी आदत डालें//कुशवा...: पिकहा बाबा उवाच  ------   मदद- इसकी आदत डालें//कुशवाहा //             पहले के समय में समर्थ व्यक्ति अपनी सम्पत्ति से धर्मशाला , ताला...

परिवर्तन कलम से : हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी

परिवर्तन कलम से : हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी:                                                             हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी गांधी टोपी  पहन  के भागे कुरता पैजामा सिलवाने ...

हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी

                                                           हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी
गांधी टोपी  पहन  के भागे कुरता पैजामा सिलवाने  बाबा जी 
कितना प्यारा देश का  मौसम जनता को उल्लू बनाने  बाबा जी 
कर जोर  मांगते  भीख वोटन  की  पाकर जीत तन  जाते  बाबा जी 
चोर चोर मौसेरे भाई  बैठ  संग देश की लाज लुटाते   बाबा  जी 
मुन्नी संग कमर मटकाते जेल में राखी बंधवाते बाबा जी 
सर्वस्व न्योछावर करके बाला फिल्मों में इठलाती बाबा जी 
घर में तपन बाहर भी तपन शीतलता कहाँ पायें बाबा जी 
भूख गरीबी अत्याचार आंखन देख न पावें बाबा जी 
सूख गए तरु ताल  सरोवर कुँए काहे  खुदवाएं बाबा जी 
हरियाली चरने की आये बेला अकेले बैठ खाएं बाबा जी 
होल  गेट  में  मंजन  करते  अब  बत्तीसी  लगवाए बाबा जी 

खून पी चुके  हड्डी चूस चुके  बचा क्या  जो खाएं  बाबा जी 
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा