Friday 15 August 2014

क्या दूसरी तैयारी है?

क्या दूसरी तैयारी है?
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आरक्षण की गाडी
पूरब से पश्चिम
उत्तर से दक्षिण को जाती
सवारी उतनी ही
पर डिब्बे रोज बढाती
राष्ट्र एक है, धर्म निरपेक्ष है
बांटम बांट क्यों करवाते हो
सवारियों को आपत्ति नहीं जब
एक ही डिब्बे में बैठने को
न जाने फिर क्यों
अलग अलग डिब्बे लगवाते हो
गाडी एक है रंग एक है
सबरस, समरसता के जोगी
बैठते हैं जब एक संग
क्यों लगाते हो फिर
दूसरे रंग की बोगी
रक्त सफ़ेद है जिनका
धरती पर गिर क्या रंग लाएगा
एक बार तो बह चुका लहू
क्या दोबारा गिरवाएगा
मंदिर टूटते मस्जिद टूटती
गुरद्वारे, चर्च भी नहीं सुरक्षित
भरने लगते जब घाव ह्रदय के
फिर से चोट क्यों लगाते हो
हमेशा डालते हो क्यों बाधा
क्या मिलता है तुमको बाघा से
एक बार तो बंट चुके
क्या दूसरी तैयारी है
खेलो खेल तुम अपने घर में
देश से न खिलवाड़ करो
बहुत सह चुके अब न सहेंगे
चाहें जितना अत्याचार करो
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

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