Saturday 11 August 2018

अलिवर्णपाद छंद
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दो मार्च पन्द्रह
गठन समूह
छन्द छक्का हुआ

मने वर्ष गाँठ
अलिवर्ण पाद
मन कुछ हुआ

हो रहा विस्तार
बढ़ती रफ्तार
संगम है बना 
भाँति भाँती पुष्प
उपवन सजा
खुश हर जना

नाक है अब अपनी कटे या जाये
रचे छन्द ले विद्व जनो की राये
व र्णिक छन्द गायत्री कृपा पाये
64 प्रकार के छन्द कैसे हरियाये
नामवर देखें कई विधा है चलाये
हम तो आठ पंक्ति के छः बनाये
बड़े गुरु यहाँ बड़े नामवर ज्ञानी
बड़ों बड़ों को पिला रहे हैं पानी
हाइकु विदेशी सर चढ़ बोला
भारतीयता ने मुझको तब तोला
करो तुम ऐसा जगत में उपाय
मरे साँप और लाठी न जाये
बन्धन मुक्त साहित्य है रचना
सत्यम शिवम् सुंदरम सपना
अनुज आपका मिले आशीष
कृपा करें जग माता वागीश 
आत्मानन्द

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