हमारे अटल
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धन्य है भारत भूमि सकल
गंगा यमुना बहती अविरल
भेद भाव यहाँ कोई नही
कीचड़ में खिलता यहाँ कमल
धरती बहुत ही है पावन
हर छटा बहुत है लुभावन
गीत गाने जन मन गण का
जन्मा जो शिशु उसको नमन
राष्ट्र गौरव वंश जिसका
देख शत्रु जरा भी न हिचका
दसों दिशाएं अब थर्राती
बजता जग में डंका उसका
हिंद को विश्व में मान मिला
हिंदी को बहु सम्मान मिला
परमाणु परीक्षण पोखरण
अमेरिका तब पत्ते सा हिला
कदम मजबूती से उठाये
थमे वहीं नही डगमगाए
डगर बनाई बहुत सरल
काले दिन सब जगमगाये
होनी होय सदा ही प्रबल
लाखों जतन टाले नही टल
तारे दो ही धरा मण्डल में
एक ध्रुव दूसरे है अटल
गंगा यमुना बहती अविरल
भेद भाव यहाँ कोई नही
कीचड़ में खिलता यहाँ कमल
धरती बहुत ही है पावन
हर छटा बहुत है लुभावन
गीत गाने जन मन गण का
जन्मा जो शिशु उसको नमन
राष्ट्र गौरव वंश जिसका
देख शत्रु जरा भी न हिचका
दसों दिशाएं अब थर्राती
बजता जग में डंका उसका
हिंद को विश्व में मान मिला
हिंदी को बहु सम्मान मिला
परमाणु परीक्षण पोखरण
अमेरिका तब पत्ते सा हिला
कदम मजबूती से उठाये
थमे वहीं नही डगमगाए
डगर बनाई बहुत सरल
काले दिन सब जगमगाये
होनी होय सदा ही प्रबल
लाखों जतन टाले नही टल
तारे दो ही धरा मण्डल में
एक ध्रुव दूसरे है अटल
आत्मानन्द
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