Wednesday 19 August 2015

आत्मा नन्द

आत्मा नन्द
--------------
बाबा कभी साधू दिखते
कभी दिखते महान संत
बात शुरू वहाँ से करते
करते लोग  जहाँ से अंत
पहनत  गात सदा साधारण
सीधे सरल रत सद् आचरण
 मन में भेद न उनके कोई
जस जस  सुमिरो   तस तस होई
 करते न जग से छल प्रपंच
 बैठत  बीच हमारे बिना मंच
सुख दुःख सदा  साथ हमारे
दिल से  बस  जाएँ पुकारे
कहता कोई  उनको बाबा
भेद न मंदिर हो या काबा
 कोई कहता स्वामी स्वामी
तज अभिमान बने अनुगामी

No comments:

Post a Comment